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Sudhir Pandey's Jeevan Ke Padchinha

poems, poetry by nri, story of life

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  • Updated 14 Years Ago

ज़िन्दगी दो अल्फाजों में सिमट आती है

Updated 14 Years Ago

ज़िन्दगी दो अल्फाजों में सिमट आती है
ज़िन्दगी दो अल्फाजों में सिमट आती है आह तेरे नाम से  जब भी निकल आती है दौर-ए-उल्फत में बहके होंगे कदम हमारे अब तो तेरी हर बात संजीदा नज़र आ...
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