\"आवरण\" - (लघु कथा)
"आवरण" मैं अभी एक खाली ऑटो में बैठा ही था। ऑटो वाला बाकी सवारियों का इन्तजार ...
9 Years Ago
पतित-पावन पतरातू - (लघु कथा)
पतित-पावन पतरातू हर एक वो जगह जहाँ ट्रेन रुकती है, स्टेशन नहीं होता। उस और...
9 Years Ago
कभी न पूरी हो सकने वाली जिद्द
तारीखें याद नहीं रहती, घड़ियों को देखना छोड़ दिया.. मैंने हर उसके लिए रुकन...
11 Years Ago
फुलझड़ियों को आग लगाने से क्या होगा आज? बताओ !
छोड़ो गाना शब्द प्रलापी, व्यर्थ न ऐसे शीश नवाओ। हिम्मत बाँधो, वीर प्रतापी, पत...
12 Years Ago
मरुथल का तीर
पाँव-फफोले देख-देख तू क्यों सकुचाए अधीर, आगे बढ़ कर देख मिलेगा - इस मरुथल का त...
12 Years Ago
चलो लोकतंत्र की लाश पर जलसा किया जाये
लोकपाल की लाश का मजमा किया था हमने , चलो लोकतंत्र की मौत पर जलसा किया जाये .. ...
12 Years Ago