Prakash Pankaj प्रकाश पंकज

Prakash Pankaj प्रकाश पंकज's Pankaj Ke Kuch Pankil Shabd

some words by prakash pankaj

  • Rated2.2/ 5
  • Updated 9 Years Ago

Recent blog posts from Pankaj Ke Kuch Pankil Shabd


\"आवरण\" - (लघु कथा)
\"आवरण\" - (लघु कथा)
"आवरण" मैं अभी एक खाली ऑटो में बैठा ही था। ऑटो वाला बाकी सवारियों का इन्तजार ...
9 Years Ago
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पतित-पावन पतरातू - (लघु कथा)
पतित-पावन पतरातू - (लघु कथा)
पतित-पावन पतरातू हर एक वो जगह जहाँ ट्रेन रुकती है, स्टेशन नहीं होता। उस और...
9 Years Ago
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कभी न पूरी हो सकने वाली जिद्द
कभी न पूरी हो सकने वाली जिद्द
तारीखें याद नहीं रहती, घड़ियों को देखना छोड़ दिया.. मैंने हर उसके लिए रुकन...
11 Years Ago
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फुलझड़ियों  को आग लगाने से क्या होगा आज? बताओ !
फुलझड़ियों को आग लगाने से क्या होगा आज? बताओ !
छोड़ो गाना शब्द प्रलापी, व्यर्थ न ऐसे शीश नवाओ। हिम्मत बाँधो, वीर प्रतापी, पत...
12 Years Ago
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मरुथल का तीर
मरुथल का तीर
पाँव-फफोले देख-देख तू क्यों सकुचाए अधीर,  आगे बढ़ कर देख मिलेगा - इस मरुथल का त...
12 Years Ago
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चलो लोकतंत्र की लाश पर जलसा किया जाये
चलो लोकतंत्र की लाश पर जलसा किया जाये
लोकपाल की लाश का मजमा किया था हमने , चलो लोकतंत्र की मौत पर जलसा किया जाये .. ...
12 Years Ago
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