\"आवरण\" - (लघु कथा)
“आवरण”मैं अभी एक खाली ऑटो में बैठा ही था। ऑटो वाला बाकी सवारियों का इन्तजार ...
9 Years Ago
दरिद्र नारायण
सूखी रोटी, पवन हिलोरे,नभ चादर, थल शैय्या।मेरे दरिद्र नारायण भईया।टूटी झोपड़, ...
9 Years Ago
पतित-पावन पतरातू - (लघु कथा)
पतित-पावन पतरातूहर एक वो जगह जहाँ ट्रेन रुकती है, स्टेशन नहीं होता।उस औरत को ...
11 Years Ago
रतियाँ कुहके कोयलिया, दिन मा उल्लू जागे
रतियाँ कुहके कोयलिया, दिन मा उल्लू जागे,नीति-रीति सब बिसराए दुनिया भागे आगे...
11 Years Ago
कलेजे को समन्दर किया होता
एक बार जो जरा देख मुझे मुस्कुरा दिया होता, कसम खुदा की, कलेजे को समन्दर किया ह...
12 Years Ago
मरुथल का तीर
पाँव-फफोले देख-देख तू क्यों सकुचाए अधीर, आगे बढ़ कर देख मिलेगा – इस मरुथल का त...
12 Years Ago