Prakash Pankaj प्रकाश पंकज

Prakash Pankaj प्रकाश पंकज's Prakash Pankaj

बस अब इतनी विनती करता
हूँ – “हे ईश्वर अब कलम
न छूटे !”

  • Rated2.1/ 5
  • Updated 9 Years Ago

मरुथल का तीर

Updated 12 Years Ago

मरुथल का तीर
पाँव-फफोले देख-देख तू क्यों सकुचाए अधीर, आगे बढ़ कर देख मिलेगा – इस मरुथल का तीर।   – प्रकाश ‘पंकज’…
Read More