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Pratyaksha's Pratyaksha

my thoughts , my imaginations

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  • Updated 5 Years Ago

किसी दिन कोई गीत

Updated 13 Years Ago

किसी दिन कोई गीत
माँ की आवाज़ भारी चमकदार थी । उसमें खनक और वज़न था । पानी की गहराईयों से गिरता फिर अचानक अनायास किसी पंछी के परों सा हल्का होता आसमान तक उठ ...
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