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Prithvi's Kankad

A blog about Indian villages, specially flora & fauna or
Rajasthan.

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आज भी खरी-खरी

Updated 7 Years Ago

आज भी खरी-खरी
आज भी खरे हैं तालाब.. कोई धांसू नहीं बल्कि एक सहज, सरल किताब है. उतनी ही प्रवाहमान जितना की जीवन और जल. इसकी सहजता और प्रवाह ही इसे अनूठा बनाता है. हमारी भाषा में बहुत कम किताबें ही इतनी सरल हो सहज…
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