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Rajesh Ranjan's Samvedana

स्वरचित कविताओं का
संकलन। यह वर्डप्रेस पर
आतिथ्यित है

  • Rated1.7/ 5
  • Updated 11 Years Ago

दशहरा

Updated 12 Years Ago

  पापा से मेला के लिए मिले 5 रुपये, मम्मी को फुसलाकर लिए 2 रुपये और गुल्लक तोड़कर निकाले साढ़े 5 रुपये कुल साढ़े 12 रुपये । बबली, पिंटू, गुड्डू – किसी के भी पास इतने नहीं और गर्व से सीना…
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