Ravi Kant Sharma

Ravi Kant Sharma's Shri Madbhagvad Gita

Then once tasted God be with all her worldly goods
automatically begin to look dull and tasteless.

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  • Updated 10 Years Ago

अध्याय तीन का माहात्म्य

Updated 14 Years Ago

अध्याय तीन का माहात्म्य
श्री भगवान कहते हैं: प्रिये ! जनस्थान में एक जड़ नामक ब्राह्मण था, जो कौशिक वंश में उत्पन्न हुआ था, उसने अपना जातीय धर्म छोड़कर व्यापारिक...
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