Ravi Kant Sharma

Ravi Kant Sharma's Shri Madbhagvad Gita

Then once tasted God be with all her worldly goods
automatically begin to look dull and tasteless.

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  • Updated 10 Years Ago

अध्याय दो का माहात्म्य

Updated 14 Years Ago

अध्याय दो का माहात्म्य
श्री भगवान कहते हैं: प्रिये! अब दूसरे अध्याय के माहात्म्य बतलाता हूँ। दक्षिण दिशा में वेदवेत्ता ब्राह्मणों के पुरन्दरपुर नामक नगर में देव श...
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