Ravi Kant Sharma

Ravi Kant Sharma's Shri Ramcarit Manas

If we begin to love God not worth any earthly object that
appears to be a love.

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॥ संत और असंत मनुष्यों वंदना ॥

Updated 10 Years Ago

॥ संत और असंत मनुष्यों वंदना ॥
॥ चौपाई ॥ बंदउँ संत असज्जन चरना। दुःखप्रद उभय बीच कछु बरना॥ बिछुरत एक प्रान हरि लेहीं। मिलत एक दुख दारुन देहीं॥ (२) भावार्थ:- मै...
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