A

Ankit Garg's Nothin... Much

started back in 2005 with blogger with same title nothin
much... moved to wordpress in 2007 and title changed to
nothin... much so only thing which is changed is the stress
from much to nothin

  • Rated2.2/ 5
  • Updated 11 Years Ago

बेटियां !!

Updated 13 Years Ago

बेटियां !!
क्या लिखों, की वो परियों का रूप होती है, या कड़कती ठण्ड में सुहानी धूप होती है | वो होती है उदासी में हर मर्ज़ की दावा की तरह, या उमस में शीतल हवा की तरह | वो चिड़ियों की चेह्चाहाट है, या निश्छल खिल …
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