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Shiv Kumar Sahil's Sahil Or Shayari

About my feelings which reflect through my Gazals & Poems.

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ईश्क़ की गहराई

Updated 6 Years Ago

 ईश्क़ की गहराई
जब ईश्क़ की गहराई में उतरा  देखा ....  वहां सिर्फ रूह थी तुम्हारी  जिसका कोई जिस्म ना था  मै अपनी वासनाओँ के साथ  सदियों कैद रहा ...
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