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Shiv Kumar Sahil's Sahil Or Shayari

About my feelings which reflect through my Gazals & Poems.

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छलावा

Updated 9 Years Ago

छलावा
हुस्न है , अदा है , खूबसूरती का दावा भी बहुत है  आईना देखता है उनमे इक छलावा भी बहुत है  बरसो करते रहे दुआएं हम मिलने की उनसे   आज मिले...
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