Sanjay Grover

Sanjay Grover's Saral Ki Diary

कुछ दूर चलके रास्ते सब
एक से लगे/मिलने गए किसी
से मिल आए किसी से से
हम-निदा

  • Rated1.4/ 5
  • Updated 4 Years Ago

Recent blog posts from Saral Ki Diary


क्या आत्महत्या पलायन है ?
यह बात न मैं पहली बार सुन रहा न शायद आप सुन रहे होंगे कि आत्महत्या पलायन है. पह...
4 Years Ago
BlogAdda
समाज और न्याय की समझ
हमारे घर की बिजली अकसर ख़राब हो जाती थी। कई बार तो एक-एक हफ़्ते ख़राब रहती थी। ...
4 Years Ago
BlogAdda
भीड़ और हम
मज़े की बात है कि जब प्रशंसा में तालियां बजतीं हैं तब आदमी नहीं देखता कि तालिय...
5 Years Ago
BlogAdda
पैरालिसिस और मैं
आज पूरा एक महीना हो गया जब मुझे पैरालिसिस का दूसरा अटैक हुआ था। एक हफ़्ते तक त...
5 Years Ago
BlogAdda
....तो मैंने कहा था मुझे पैदा करो.....
....तो मैंने कहा था मुझे पैदा करो..... आखि़र एक दिन तंग आकर मैंने पापाजी से कह ही द...
5 Years Ago
BlogAdda
बाल मामाजी, दुनियावाले ईमानदार बच्चों के या तो मरने का इंतज़ार करते हैं या
बाल मामाजी, दुनियावाले ईमानदार बच्चों को या तो चूहों की तरह मार देते हैं या अ...
5 Years Ago
BlogAdda