एक बार फिर आत्म चिंतन और मंथन का समय आ गया है। और सोचा कि भले ही मुझे अपने चलते हुए जीवन को कुछ विराम देना पड़े, पर कुछ समय ढहर कर यह कार्य करना अत्यंत आवश्यक है। अपनी शक्तियों का, अपने विकास के लिए चुनाव हमे करना पड़ेगा। और बिना सही चुनाव के जीवन लक्ष्य को पाना कठिन है।
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