Anupama Sarkar

Anupama Sarkar's Scribbles Of Soul

A blog about books I read and poems I write. All those
thoughts and afterthoughts that inspire the reader and
writer in me flow onto my blog.

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  • Updated 2 Years Ago

संझा बाती, पारुल तोमर

Updated 5 Years Ago

संझा बाती, पारुल तोमर
कविताएं सुर लहरी सरीखी होती हैं… एक बार मन रम जाए तो रुकने को जी ही न चाहे… तिस पर शब्द संयोजन और विषय विन्यास अनूठे हों तो समय का ध्यान रहे भी कैसे! जी, मैं बात कर रही हूं, डॉ पारुल तो…
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