Anupama Sarkar

Anupama Sarkar's Scribbles Of Soul

A blog about books I read and poems I write. All those
thoughts and afterthoughts that inspire the reader and
writer in me flow onto my blog.

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  • Updated 2 Years Ago

चाह, अध्याय 2

Updated 5 Years Ago

चाह, अध्याय 2
चाह, अध्याय 2 एक रात विनय यूं ही नेट पर सर्च कर रहा था, सामने कुछ लव कोट्स आए, पढ़े, अच्छे लगे.. वो और खोजने लगा.. प्रेम कविताएं दिखीं, सोशल साइट्स पर, इंस्टाग्राम, फेसबुक, सब ओर, शब्द ही शब्द। प्र…
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