Shoonya

Shoonya's Shoonyakonn

वाणी मदिर..जीवन जटिल..
लेखनी कुटिल. मदिरालय
से सीधे चल शब्द यहाँ
पहुँचे हैं।

  • Rated2.4/ 5
  • Updated 13 Years Ago

Recent blog posts from Shoonyakonn


कुछ हसरतें जेब में दबी रह गयीं
पाया …के कुछ हसरतें जेब में दबी रह गयीं अब समझ में आया ..ज़िंदगी क्यों अधूरी र...
13 Years Ago
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एकाकी के इस जमघट में मैं इक लौ जगाये बैठा हूँ
एकाकी के इस जमघट में – मैं इक लौ जगाये बैठा हूँ...
14 Years Ago
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उन नयनों में कुछ ढ़ूँढ़ा था मैंने
उन नयनों में कुछ ढ़ूँढ़ा था मैंने खोया वही, जो कभी पाया ना मैंने...
14 Years Ago
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इस बारिश में शराब बरसे
इस बारिश में शराब बरसे
बरकत हो जिनके लबों में एसे ही हसीन शबाब बरसें।...
14 Years Ago
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आईना भी अब तकरार करता है
आईना भी अब तकरार करता है
आईना भी अब तकरार करता है शक्ल दिखाने से इन्कार करता है...
14 Years Ago
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हर इंसान को शराब दो
हर इंसान को शराब दो
हर इंसान परेशान है हर इंसान को शराब दो...
14 Years Ago
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