Shoonya

Shoonya's Shoonyakonn

वाणी मदिर..जीवन जटिल..
लेखनी कुटिल. मदिरालय
से सीधे चल शब्द यहाँ
पहुँचे हैं।

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  • Updated 13 Years Ago

कुछ हसरतें जेब में दबी रह गयीं

Updated 13 Years Ago

पाया …के कुछ हसरतें जेब में दबी रह गयीं अब समझ में आया ..ज़िंदगी क्यों अधूरी रह गयी कुछ दिशा के फेर में उलझीं कुछ समय की मार में कुचलीं कुछ कतरन बन के सिकुड़ गयीं कुछ लिखी लिखी ही मिट गयीं पा…
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