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Tarun Sharma's Tarun's World

meri kuch nazme, kuch geet aur kuch kavitayen

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  • Updated 12 Years Ago

बंद कमरे

Updated 13 Years Ago

बंद कमरों में मूझे घुटन होती है  बंद कमरों में मेरी साँसे रूकती है  बंद कमरों में बहुत तडपता हूँ मैं  जब तुम होती थी तो इस घर के  खिड़कियाँ ...
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