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Swayambara Buxi's Mai Aur Meri Dunia

social, literature, prose, poetry

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  • Updated 4 Years Ago

अकेला सूरज...बेचारा

Updated 6 Years Ago

सूरज... प्रखर ...तेजस्वी... तुम बिन जीवन नहीं.. पर कितना अकेला.. अक्सर जी चाहता है कि माथा सहला दूँ.... पूछ ही लूँ - कैसे हो? ठीक ठा...
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