Farrukhabad

इन आँखों में बारिश कौन भरता है ..
बेतरतीब मैं   (३१.८.१७ ) ` कुछ पंक्तियाँ उधार है मौसम की मुझपर ,  इस बरस पहले तो बरखा बरसी ...
Posted: 7 Years Ago
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