Samajik Ghazal

एक दोपहर की बतरस
दिनेश चंद्र जोशी मेरे व अरुण कुमार असफल के साथ बीच में बैठै कथाकार सुभाष पन्त को कौन नहीं जा...
Posted: 1 Year Ago
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Ujale Apni Yaadon Ke Hamare Sath Rehne Do | Urdu Shayari | Dr. Bashir Badr
  This Ghazal Has Written By Famous Dr Bashir Badr, It Very Hart Touching Poetry.  Ujale Apni Yaadon Ke Hamare Sath Rehne Do | Urdu Shayari ......
Posted: 2 Years Ago
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हुनर जब भी किसी का बोलता है
A Blog Specializing In Ghazal, Songs, Poetry And Music....
Posted: 2 Years Ago
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कल वक्त मिला था खुदसे मिलने का एक अर्से बाद खुदसे गुफ्तगू की कई बातें जो ज़ुबां पे ठहरीं थी उ...
Posted: 2 Years Ago
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चल मैं हारा, तू जीता
वक़्त कहाँ है, बैठ के सोचूं क्या खोया क्या पाया है, ढल रहा है दिन का सूरज मुझसे लम्बा साया है।   ...
Posted: 3 Years Ago
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