Ashish Kumar

Ashish Kumar's Ashish-vision

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Shayari - 1

Updated 5 Years Ago

Shayari - 1
अल्फ़ाज़ बयां करते हैं बहुत कुछ। खामोशी बयां करती है सब कुछ। तुम्हारी खामोशी बता रही है मुझे। तुम्हारी मुस्कुराहट केह रही है। शायद मैं हो गया हूं तुम्हारा अब सब कुछ। – Ashish Kumar…
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