Tikuli

Tikuli's Spinning A Yarn Of Life

My blog reflects all that is part of me and what I believe
in. It is a reflection of my heart and soul.

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  • Updated 5 Years Ago

एक शहर ये भी - कविता 7 - रात आईना है …

Updated 6 Years Ago

एक शहर ये भी - कविता 7 - रात आईना है …
  रात आईना है इस शहर की बेख्वाब आँखों का शाम ढले जब धुप का आखरी उजाला पेड़ों की टहनियों में सिमट जाता हैं तो ये शहर किसी पेंटिंग की तरह रहस्मयी हो जाता है बची खुची रौशनी लैम्पोस्ट के नीचे सिमट …
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