मयखानों में शराबों का इंतज़ाम किजीये, हम पढ़ने आये हैं, आँखों का इंतज़ाम किजीये| मुझे ढूंढ रहा है मेरा माज़ी गलियों गलियों, ए मेरी हसरत ओ तमन्ना.. ठिकानों का इंतज़ाम किजीये| हम पढ़ने आये हैं, आँखों का इंतज़ाम किजीये… ये नींद एक रात की नहीं.. सदीयों की है, कब्र में जा रहा हूँ… ख़्वाबों का …
Read More