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M VERMA's Truth

It is my poems collection

  • Rated3.6/ 5
  • Updated 5 Years Ago

अब तक संचित वह क्षण ..

Updated 13 Years Ago

अब तक संचित वह क्षण ..
तब जबकि तुम्हारे काँपते हाथों पर मैनें अनायास रख दिया था हाथ; और फिर क्षण भर के लिये प्रकम्पित हो गया था सम्पूर्ण कायनात,...
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