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Vijay Sappatti's Kavitao Ke Man Se

hindi and english love poems

  • Rated1.8/ 5
  • Updated 7 Years Ago

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एक अधूरी [ पूर्ण ] कविता
घर परिवार अब कहाँ रह गए है , अब तो बस मकान और लोग बचे रहे है बाकी रिश्ते ...
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“ रे मन ”
रूह की मृगतृष्णा में सन्यासी सा महकता है मन देह की आतुरता में बिना वजह भ...
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“ क्षितिज ”
मिलना मुझे तुम उस क्षितिज पर जहाँ सूरज डूब रहा हो लाल रंग में जहाँ नीली नदी...
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.......कुछ लफ्ज़ तेरे नाम ............
मेरे उम्र के कुछ दिन , कभी तुम्हारे साडी में अटके तो कभी तुम्हारी चुनरी में ...
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चल वहां चल ,
चल वहां चल , किसी एक लम्हे में वक़्त की उँगली को थाम कर !!!! जहाँ नीली नदी खामोश ब...
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जीवन
हमें लिखना होंगा जीवन की असफलताओं के बारे में ताकि फिर उड़ सके हम इतिहास के ...
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