Vipin  Behari Goyal

Vipin Behari Goyal's Tej Dhup Ka Safar

Hindi poetry written by me in different mood and at
different age.My favourite is based on philosophy.

  • Rated3.0/ 5
  • Updated 12 Years Ago

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उस तरफ क्या है
उस तरफ क्या है, एक लम्बा मौन , गहरी चुप्पी , समुद्र सी गंभीरता,  या भीषण हाहाका...
12 Years Ago
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बहुत अच्छा किया...
हमीं  से सीखा दोड़ना हमें गिरा दिया  बहुत अच्छा किया  शुक्रिया बंद नहीं होगी...
13 Years Ago
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तेज़ धूप का सफ़र
छाँव का सुकून  मर्ग मरीचिका बन  छलता रहा  तेज़  धूप का सफ़र  चलता रहा  इस तपि...
13 Years Ago
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बन्द दरवाजों का नहीं अफसोस
बन्द दरवाजों का नहीं अफसोस मुझे   खोल दो खिड़कियाँ की दम धुटता है   आह तुमने न...
15 Years Ago
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अपने हिस्से का सूरज
  मैंने तुमसे मुठ्ठी भर प्रकाश माँगा था और बदले तुम मेरे अन्धेरों पे   सुहान...
15 Years Ago
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यत्रांणा से मुक्त कर दो
यत्रांणा से मुक्त कर दो   रिक्तता मुझको निगल ले   इससे पहले उस दिशा में  प्रस...
15 Years Ago
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