V

Vivek Jain's Vivekjain1200

Writing to express my views, sharing pic, poems, funny
messages , Light hearted material you can see on my
wordpress

  • Rated2.9/ 5
  • Updated 5 Years Ago

VishudhaSwadhyayDhara 1.109

Updated 5 Years Ago

VishudhaSwadhyayDhara 1.109
स्वाध्याय क्र. 1.109 *जिसने अपने ज्ञान को सप्त-व्यसन में लगाया है, उसका पुण्य क्षीण हुआ है*। अज्ञान में किसी ने पाप किया ही नहीं। वो तो एक सुन्दर शब्द आपको मिल गया है अपनी बात को छुपाने के लिये। धी…
Read More