'इक सफ़र साथ-साथ' संग्रह प्रवासी साहित्य की यात्रा में एक विशिष्ट उपलब्धि है। इतनी सारी रचनात्मक उपलब्धियों को एक स्थान पर संयोजित करने में उन्होंने जो ऊर्जा, परिश्रम और रचनात्मक क्षमता लगाई है, उसके लिए दिव्या जी की तारीफ़ जितनी की जाये कम है। उनकी असाधारण ऊर्जा हम सबके लिए प्रेरणा है।
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