पाश और अफ़ज़ाल अहमद सैयद की कविताओं को छापना 'पहल' के लिए सही अर्थों में प्रकाशित करना हुआ था। लगभग तीन दशक पहले अफ़ज़ाल की कविता को लेकर हिन्दी समाजों में एक अँधेरा जैसा था, बावजूद इसके कि उर्दू गज़ल की जानकारी लोकप्रियता और आस्वाद भरपूर था। 'अफ़ज़ाल अहमद सैयद उर्दू कविता का टर्निग पॉइण्ट हैं'
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