नैनीताल यानि मां नैना देवी का ताल, नैना देवी पार्वती का एक नाम है, ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव मां पार्वती के जले हुए शरीर को लेकर जा रहे थे तो उनकीं आंखें यहां गिर गयी थी इसीलिए इसे नैनीताल नाम मिला। इसे 64 शक्तिपीठों में से एक भी माना जाता है। नैनीताल का जिक्र स्कंद पुराण के मानस खंड में भी मिलता है जहां इसे त्रिॠषि सरोवर कहा गया है जो तीन ॠषियों अत्री, पुलसत्य और पुलाहा की कहानी बताता है जिन्होंने यहां पानी न मिलने के कारण बहुत बड़ा गड्ढा खोदा और इसे तिब्बत में पवित्र मानसरोवर के पानी से भर दिया।
Read More