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Yogendra Joshi's Vichaar Sankalan

It is an assorted collection of ideas relating to philosphy,
religion, spiritualism, morality and human behaviour as
studied and understood by seers and men of wisdom of the
past.

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“कलियुगे जना: अघासुरायन्ते” - श्रीमद्भागवत्पुराण के अनुसार कलियुग का मूल स्वरूप

Updated 6 Years Ago

“कलियुगे जना: अघासुरायन्ते” - श्रीमद्भागवत्पुराण के अनुसार कलियुग का मूल स्वरूप
श्रीमद्भागवत्पुराण १८ प्रमुख पुराणों में से एक है जिसमें भगवान् विष्णु एवं उनके अवतारों, विशेषतः कृष्णावतार, का विस्तृत वर्णन है। भक्ति की महत्ता को दर्शाने वाले इस ग्रंथ के आरंभ के द्वितीय अध्याय …
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